कुछ पुराने पेड़ बाकी हैं अभी तक गाँव में
ॐ कुछ पुराने पेड़ बाकी हैं अभी तक गाँव में यादों के पीपल लहराते खड़े हैं यूं ध्यान में सघन बदली दबे पाँव आती लुटाती कोष जब , कुछ नमी लिए संध्या छम से उतरती छाँव से !अमुवा बगिया से सरसराती बयार, धीमे...
View Articleश्रध्धेय स्व. नारायण देसाई जी का पत्र पढ़कर, उन्हें लिखा मेरा पत्र
स्व. नारायण देसाई का तेजस्वी जीवन २४ दिसम्बर १९२४ - १५ मार्च २०१५ तक भारत और विदेश में गाँधी जी के सन्देश को विश्व में बाँटता रहा। वे एक प्रख्यात गाँधीवादी थे। वे गाँधीजी के निजी सचिव और उनके...
View Articleभारत और अमरीका की वर्षा ऋतु का फर्क : ( संक्षिप्त )
भारत और अमरीका की वर्षा ऋतु का फर्क : ( संक्षिप्त )भारत मे हिन्द महासागर से उठकर मानसून हवाएं बादलों मे तब्दील हो जातीं हैं। घने काले मेघ, वर्षा का जल भरे हुए, साल के मध्य भाग में, माने जून माह के २ रे...
View Article३ ऐवरेज अमेरिकन टीनएजर्स की कहानी : Ronnie रौनी , Raj राज़ और Radha राधा
ॐआज जब अमरीकी स्कूलों में यह १८ वीं भयानक 'स्कूल - शूटिंग 'की दुःखद वारदात हुई है जब निर्दोष १७ बच्चों ने अपनी मासूम जानें गवाईं हैं तब मेरी टीनेजर्स पर लिखी कहानी प्रासंगिक हो गयी है।श्रद्धांजलि और...
View Articleसृजन-गाथा "के सफल सम्पादक श्री जयप्रकाश मानस
परिचय : नाम :जयप्रकाश मानस (मूल नाम जयप्रकाश रथ) जन्म : २ अक्टूबर, १९६५ शिक्षा :एम.ए. (भाषा विज्ञान), एम.एस.सी (आई.टी.) प्रकाशित कृतियाँकविता संग्रह : तभी होती है सुबह, होना ही चाहिए आँगन ललित...
View Articleजी हां मैं हूं 'छ' !
मुझ नाचीज़ पे भी एक नजर डालिए हुज़ूर! जी हां मैं हूं 'छ' ! हरेक शब्द कुछ स्वरों और व्यंजनों का मिलाजुला स्वरूप होता है और शब्दों से ही वाक्य बनते हैं और भाषा प्रवाहीत होती है। मनुष्य ऐसा जीव है जिसे...
View Article[ मेरी अम्मा स्व. श्रीमती सुशीला नरेन्द्र शर्मा व मेरे पापा जी प्रसिध्ध...
ॐ [ मेरी अम्मा स्व. श्रीमती सुशीला नरेन्द्र शर्मा व मेरे पापा जी प्रसिध्ध गीतकार नरेंद्र शर्मा जी के गृहस्थ जीवन के सँस्मरण ।] सन १९४७ में भारत आज़ाद हुआ। उसी वर्ष की १२ मई को कुमारी सुशीला से कवि...
View Articleसत चित्त आनंद = सच्चिदानंद
ॐ सत~ चित्त~ आनंद = सच्चिदानंद ईश्वर का स्वरूप क्या है ? क्या हो सकता है ? जब ऐसा प्रश्न अंतर्मन में रमण करे तब जानिये कि, आप पर परम कृपालु ईश्वर की महती कृपा है। ईश्वर क्या है ? इस प्रश्न को हमारे...
View Articleमाँ धरती प्यारी
कितनी सुँदर अहा, कितनी प्यारी,ओ सुकुमारी, मैँ जाऊँ बलिहारीनभचर, थलचर,जलचर सारे,जीव अनेक से शोभित है सारी,करेँ क्रीडा कल्लोल, नित आँगन मेँ,माँ धरती तू हरएक से न्यारी !अगर सुनूँ मैँ ध्यान लगाकर,भूल ही...
View Articleसँस्मरण : भारतीय हिंदी और अमरीका
सँस्मरण : भारतीय हिंदी और अमरीका :प्रश्न : भारतीय जन - उत्तर अमरीका कब पहुंचे ? उत्तर : सं. १७९० मेँ, सबसे पहले, काला सागर पार कर के, भारतवर्ष के दक्षिण पूर्व में बसे मद्रास शहर जिसे आज चेन्नई नाम से...
View Articleश्रीयंत्र रहस्यम
~ श्रीयंत्र रहस्यम ~ईश्वर एक हैं । सब जीवों को उन तक पहुँचने का रास्ता अलग हो सकता है। पर जो केंद्रबिंदु हैं, उसी से ये समस्त ब्रह्माण्ड उद्भव ले कर प्रकाशमान हुआ है।ईश्वर की परम ऊर्जा 'पराशक्ति 'हैं।...
View Articleसंस्मरण : महीयसी आदरणीया महादेवी वर्मा जी
ॐ संस्मरण पुस्तक : शीर्षक : स्मृति दीप चित्र : महीयसी आदरणीया महादेवी वर्मा जीएवं श्रद्धेय कवि श्रेष्ठ श्री सुमित्रानंदन पंतजी दादाजी मेरे जीवन का एक अनमोल स्मृति पृष्ठ : आदरणीया महादेवी जी की यादें...
View Articleनित प्रियम भारत भारतम्
नित प्रियम भारत भारतम् - नित प्रियम भारत भारतम्मुझे, भारत बडा ही प्रिय है इस तथ्य का कारण बडा सीधा है, चूँकि, भारत , भारत है, और मैँ -मैँ हूँ !भारत वह भूमि है, जहाँ पर मैँने जन्म लिया। वहीँ पर मैँ पल...
View Articleबचपन के दिन भी क्या दिन थेः लावण्या शाह
बचपन के दिन भी क्या दिन थेः लावण्या शाह बचपन के दिन भी क्या दिन थे ! जी हाँ, बचपन ! इंसान के जीवन का सबसे सुकोमल हिस्सा ! आहा शैशव का वह निर्दोष आनंद भूलाये नहीं भूलता ! मेरी जीवन यात्रा के ऐसे पड़ाव...
View Articleफिल्म निर्माण संस्था #बॉम्बे #टाकीज़ में गीतकार #नरेंद्र #शर्मा,
ॐ गीतों की रिम झिम, यादों की गलियों में जब् जब् अपनीसुमधुर कर्णप्रिय किंकिणी ध्वनि लिए बजतीं हैं तब अतीत के चलचित्र सजीव होकर उभर आते हैं। आज एक विहंगम दृष्टिपात करेंगें मेरे परम आदरणीय पिता,सुप्रसिद्ध...
View Articleप्रवासी साहित्य पर केंद्रित पत्रिका में लावण्या शाह का साक्षात्कार
प्रवासी साहित्य पर केंद्रित पत्रिका में लावण्या शाह का साक्षात्कार ~ हिंदी -साहित्य की सुपरिचित कवयित्री लावण्या शाह सुप्रसिद्ध कवि स्व० श्री नरेन्द्र शर्मा जी की सुपुत्री हैं और वर्तमान में ओहायो...
View Articleसिने-संगीत इंद्र का घोड़ा है : 'विविध भारती'के प्रधान नियोजक और कवि नरेंद्र...
शीर्षक : सिने-संगीत इंद्र का घोड़ा है, उसे रेस का घोड़ा बनाना क्या उचित है?क्या सिने-संगीत प्रभावशाली नहीं, लोकप्रिय नहीं? क्या सिने-संगीत मनोरंजन नहीं करता? क्या सिने-संगीत स्तर का नहीं होता? क्या...
View Articleअधूरे अफ़साने कथा संग्रह मेरी पुस्तक प्रकाशित हो चुकी है।
ॐनमस्ते अधूरे अफ़साने कथा संग्रह मेरी पुस्तक प्रकाशित हो चुकी है। आप तक, अगर 'अधूरे अफ़साने 'किताब पहुंची है और आप मेरी बात सुन रहें हैं, तब आप से नमस्ते, दुआ सलाम, राम ~ राम, सत श्री अकाल कहते, मैं,...
View Articleकोफी -- कहाँ से आयी ?
email :lavnis@gmail.comकोफी -- कहाँ से आयी ? कोफी विथ कुश के चिठ्ठे से "कुश की कलम "से पढ़िए ~~ http://kushkikalam.blogspot.com/2009/02/blog-post_25.htmlआज कोफी का कप यहाँ ले आए हैं और आप को कोफी के...
View Articleआकाशवाणी के "विविधभारती : का प्रथम प्रसार गीत ~ :नाच रे मयूरा : गीतकार :...
ऑल इंडिया रेडियो "आकाशवाणी "का सर्व प्रथम गीत भारत सरकार की रेडियो प्रसारण सेवा के लिए बजाया गया उसे 'प्रसार गीत 'कहा गया ! डा. केसकर जी मँत्री थे सूचना व प्रसारण के ( Information andBroadcasting...
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